Ullu Web Series Malti story | My imagination on Malti

उल्लू की न्यू वेब सीरीज मालती धमाल मचाने के लिए उल्लू ऐप पर आ गया जिसे देखना बहुत ही आसान हैं। मालती में राजसी वर्मा का किरदार और उसके साथ एक नौकरानी का किरदार हमें असमंजस में डाल देता हैं।

My imagination on Ullu Web Series Malti

मालती कौन हैं?

मालती मेरे घर की नौकरानी हैं जो पिछले एक महीने से हमारे यहां काम कर रही हैं। वह बहुत सुंदर और सुशील है। उसे देखकर किसी का भी दिल पसीज जाएगा इतना तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं। मालती पहले अपने गांव में रहती हैं जहां उसका दिन बीत रहे थे लेकिन अचानक से उसके पति का मौत हो जाता हैं। वह टूट जाती हैं और अपनी आंसू बहाती ही जाती हैं। मालती का एक मात्र सहारा उसका पति था जो अब उसके साथ नहीं हैं। वह मजबूत दिल की महिला थी जो खुद किसी पर बोझ बनना उचित नहीं समझती हैं। इसी के चलते वह गांव से सहर आ जाती है काम के तलाश में। वह अकेली थी, बेबस थी, लाचार थी और शायद दो तीन दिनों से शहर में भटक रही थी। शहर में ज्यादा जानकारी न होने के चलते उसे अभी तक काम नहीं मिला था। मेरी मुलाकात मालती से कॉलेज जाते समय होता हैं जब वह मुझसे खाने के लिए कुछ मांग मांगने लगती हैं। मैं खाता हूं पिज्जा छोड़ कर अपने बैग में टिफिन निकालने लगता हूं उसे देने के लिए। इस बीच मालती मेरे हाथ से झूठा पिज्जा लेने की कोशिश करती हैं। मैं उसे झूठा पिज़्ज़ा न देकर अपना टिफिन देता हूं जिसे वह खोल के तुरंत खाने लगती हैं।

टिफिन खाली करने के बाद वह मेरा पैर पकड़ लेती हैं और मुझसे : “मैं शहर में नई हूं और मैं काम कर के खाना चाहती हूं। अगर आपके घर में कोई काम हो तो मुझे रख लीजिए बहुत मेहरबानी होगी।”

मैं उसे तुरंत हां कह देता हूं और उसे लेकर सीधे अपने घर आ जाता हूं क्योंकि मेरी मम्मी भी बहुत समय से घर के लिए एक नौकरानी खोज रही थी जो घर में रहकर सुबह से शाम तक का काम करें। मैं मालती के बारे में सबको बताता हूं तो सब बहुत खुश हो जाते हैं। ख़ासकर कर के मां जो घर के सारा काम कर के परेशान हो गई थी।

मेरी मां मालती को फ्रेश होकर खाना खाने को कहती हैं और आज का दिन आराम के बाद कल से घर का काम करने को कहती हैं। मै वापस कॉलेज चला जाता हूं और शाम को आता हूं। मालती सोकर उठी थी और मां से बाते कर रही थी। वह कभी–कभी रो भी रहीं थी उसे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था। मैं सीधे उनके पास गया और मां से पूछने लगा कि क्या कोई परेशानी हैं। मां ने बताया कि उसका पति कुछ दिन पहले चला बसा जिसके बाद वह शहर आईं और काम खोजने लगी। मैं उनसे ज्यादा बात करना बेहतर नहीं समझा और बाहर आ गया।

मालती से प्यार करना सही हैं?

मुझे मालती पर तरस के साथ–साथ प्यार भी आ रहा था। मैं मालती को देखकर गुम हो गया था। क्या मुझे उससे प्यार हो गया हैं? नहीं यह बस अट्रैक्शन हैं और कुछ नहीं। इसके बारे में ज्यादा और न सोचना मैं बेहतर समझ के अपने दोस्तों के साथ खेलने चला गया। क्रिकेट खेलते हुए भी मेरा सारा ध्यान मालती पर था और ऐसा लग रहा था कि मैं उसे जनता हूं। खैर इस गहरी सोच में डूबने के चलते मैं जल्दी ही आउट हो गया। फील्ड से सीधे घर आकर नाश्ता किया और खाने के लिए टेबल बैठ गया।

खाने की थाली मालती लाती हैं और सबका खाना लगा देती हैं। मैं मालती से पूछता हूं कि आज भर आराम कर लेती मां ने कहा था न। मालती बोलती हैं ठीक हूं अब वैसे भी बैठे–बैठे क्या करूंगी ये मेरा रोज का काम हैं। मैं मालती की बोली सुनते रहता हूं जब तक कि सब आ नहीं जाते हैं। मालती के खाने की सब तारीफें करते हैं जिससे वह खुश हो जाती हैं।

मालती, मालती, मालती ओ री मालती मै खो गया तेरे प्यार में क्या तुझे हैं पता मैं खो गया तेरे प्यार में,

न, न , न, ना मैं तो खोई नहीं तेरे प्यार में

अरे मैं तो सोई नहीं तेरे प्यार में क्या से क्या हो गया तेरे प्यार में,

आजकल नींद भी आतीं नहीं तेरे इंतजार में

तू हैं कहां बता किसके प्यार में,

अरे मैं नहीं तेरे इंतजार में

तो बता तू किसके प्यार में,

कुछ गानों की आवाज़ मेरे कानों में पड़ा जिससे मैं तुरंत जाग गया। लगा जैसे कि वो मेरे पास हैं, वो मेरे साथ हैं।

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