धनश्री गायकवाड और अनीता जायसवाल की बेस्ट उल्लू वेब सीरीज बहुत ही ज्यादा रोमांटिक सीन से भरी हुई हैं उल्लू की एक शानदार वेब सीरीज आई है। इस वेब सीरीज पर मेरा कल्पना क्या होगा आइए जानते हैं।
My imagination on Ullu Web Series “ek deewana tha”
आरयू मेरी वाइफ के साथ जिंदगी के कई किस्से जिसे भूलना आसाना नहीं होगा। कुछ यादें जो चाह कर भी खत्म नहीं हो सकता हैं उसे जिंदा रखने की कोशिश हमेशा से खुशी देने वाली होती हैं। ऐसे दिनों में प्यार की परिभाषा बदल जाती हैं। जमाने की सोचने की जरूरत और अपनी सोच की जरूरत में अंतर साफ नज़र आता हैं या ये कहे वो सब कुछ आसान हैं जिसे हम जल्दी हासिल कर लेते हैं। बहुत से चीज़ें जो आजकल सीधी नहीं होती फ़िर भी उसे नजरअंदाज करना उतना अच्छा नहीं होता है। मेरी भी कुछ ऐसे कहानी हैं जिसे भूलना आसान तो नहीं पर नामुमकिन भी नहीं होगा।
मैं दीपक आज के अंधेरों से घिरा हुआ इंसान जिसे सब कुछ पा लेना ही अच्छा लगता हैं। इसमें मेरा कितना दोष है उसे जाने बगैर ये कह देना कि प्यार क्या हैं? सच्चाई क्या हैं इसमें बहुत बड़ी बात होती हैं। फिर हसीन यादें किसे नहीं तड़पाती है। सामने वाली खिड़की और फजल फारूकी की वो नगमा तन बदन में आग लगा देता हैं। अनु मेरी जाने तमन्ना सबसे हट के और सबसे प्यारी औरत के साथ एक मां है जो विधवा हो चुकी हैं। ऐसे में उसे पा लेना सब कुछ है या कुछ नहीं चाहने वाले हमेशा से सोचते रहेंगे। उसकी नयन बड़ी काटो वाली मेरा जान ही निकाल दे पर इसमें मरना भी बहादुरी का मौत होगा।
सोच से निकलो तो प्यार होता हैं और प्यार से निकलो तो आशिकी का अंत होता हैं जो बिना मतलब जीए जाने की तमाम कोशिशें करते रहता हैं। क्या उस औरत जिसका नाम अनु है उसमे थोड़ी सी शराफत बची हैं। क्यों क्या और तुम मुझे जानोगे धब्बों पर धब्बा दिए जाने के सलाह हैं। अनु मेरी जान है जिसकी सब निगाहे कर्जदार होकर उससे वफाएं मांगती हैं।
मेरा अपना गांव अनु से कितना दूर है मैने कभी सोचा नहीं या फिर कभी पैदल गया नहीं तो उतना एहसास उसका हुआ ही नहीं हैं। मेरे बारे में सबकी राय अलग है पर क्या मैं अलग हूं ये नाड़ा खोलना नहीं सिखा सकता वो किसकी हैं। जरूरतें ज्यादा होना अच्छी नहीं होती हैं क्योंकि हमेशा आपकी जरूरतें पूरा नहीं हो पाती है ऐसे हमें प्यार से दूर होना चाहिए।
अनु आग है प्यार की आशिक कहते हैं उसके पर वो क्या आग हैं जानना मै भी चाहता हूं। बेशक प्यार और वासना का भिड़ंत हमेशा हुआ हैं और वासना प्यार पर अक्सर हावी हुई। मामले कितना भी गंभीर क्यों न ही उसे देखते रहना उम्र भर आराम देता है। अनु से प्यार और इज़हार की बाते करना आसान हैं कुछ भी सोच लेना से भी आसान हैं।
नई दुनिया में नई चाहते अनु से प्यार करती हैं और हम ये आग यू ही छुपाते रहे या खुद छुप गए ता उम्र भर इसकी जानकारी किसी को न हुआ। अंधा प्यार का धंधा आसान होता हैं, बिकने पर आ जाए तो महल खरीद लेती हैं। हंसना मना है किरदार का जो नाटक करते हैं अपने जिंदगी में फिर उसको हासिल कर के झूठे प्यार में मर जाते हैं। बहकी बाते दर्द न दे तो क्या दे सकता है। इसमें उतना सच नहीं जितना जुदा ग़म में हैं। आखिर मेरी चाहत मिल गई अनु मिल गई, जिस्म में एक आग उठ गया उसको देख कर लगा जैसे सब कुछ मिल गया या यह एक सुबह का सपना हैं।